हाथरस की घटना से मानवता शर्मसार 


- आलोक दुबे
प्रधान संपादक


दिल्ली के निर्भया मामले के बाद उमड़े जनाक्रोश के दबाव में जो बदलाव कानूनों में किए गए, उनका भी समाज पर खास असर नहीं देखने को मिल रहा। कुछ असर हुआ है तो सिर्फ इतना कि बलात्कार के मामलों में अपराधियों को तुरत-फुरत मृत्युदंड देने की मांग हरसंभव मंच से उठने लगी है। समाज, पुलिस और कानून का कुछ खौफ संभावित अपराधियों में हो, इसके लिए सुनसान जगहों पर पुलिस की धमक, घटना घटित होने के बाद चुस्त कार्रवाई और सही जांच के जरिये तय प्रकिया के तहत अपराधियों को अदालत से जल्दी सजा होनी चाहिए।


हाथरस की गैंगरेप की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। इस घटना से पूरी मानवता शर्मसार हुई है। जगह-जगह जुलूस और कैंडल मार्च निकाल कर दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की जा रही है। गैंगरेप और भीषण यातनाओं का शिकार हुई हाथरस जिले की 19 साल की दलित लड़की ने 15 दिनों तक मौत से जूझने के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। एक दिन पहले ही उसे गंभीर स्थिति में अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से यहां लाया गया था। इस मौत ने जहां एक बार फिर पूरे देश की संवेदना को झकझोर दिया है, वहीं गैंगरेप जैसे अपराध से निपटने में प्रशासनिक और पुलिस तंत्र की घोर विफलता को भी उजागर किया है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। साथ ही सीबीआई जांच के लिए अनुशंसा कर दी है। 


दिल्ली के निर्भया मामले के बाद उमड़े जनाक्रोश के दबाव में जो बदलाव कानूनों में किए गए, उनका भी समाज पर कोई खास असर नहीं देखने को मिल रहा। कुछ असर हुआ है तो सिर्फ इतना कि बलात्कार के जघन्य मामलों में अपराधियों को तुरत-फुरत मृत्युदंड देने की मांग हरसंभव मंच से उठने लगी है। समाज, पुलिस और कानून का कुछ खौफ संभावित अपराधियों में हो, इसके लिए सुनसान जगहों पर पुलिस की धमक, घटना घटित होने के बाद चुस्त कार्रवाई और सही जांच के जरिये तय प्रकिया के तहत अपराधियों को अदालत से जल्दी सजा होनी चाहिए।


बहरहाल, एसआईटी जांच के नतीजों का सबको इंतजार रहेगा, मगर अभी ऐसी कई बातें प्रकट हैं जो पुलिस-प्रशासन को संदेह के घेरे में खड़ा करती हैं। मामले की पहली शिकायत से लेकर रात के अंधेरे में बिना पारिवारिक भागीदारी के पीड़िता का अंतिम संस्कार कर देने तक उसकी भूमिका पर सवाल ही सवाल हैं। उम्मीद करें कि पीएम के निर्देश और सीएम की तत्परता से इन सवालों के अधिक भरोसेमंद जवाब सामने आएंगे।